डॉ. ज्योत्स्ना शर्मा
1
खुशियों
की लाए है लड़ियाँ
रंग-बिरंगी-सी
फुलझड़ियाँ
पकवानों
से भर दे थाली
क्या
सखि साजन ?, नहीं दिवाली ।
2
जी
धड़काएँ कभी डराएँ
जोर-जोर
से शोर मचाएँ
मैनें
बहुत छुपाकर राखे
क्या
सखि सजना ?, नहीं पटाखे ।
3
धीरे
से आँगन में आए
मैं
बैठी थी दीप जलाए
बाहों
में लेने से हारा
क्या
सखि साजन ?, ना अँधियारा ।
4
रूप
सलोना खूब सजाए
बाद
बरस के घर में आए
ओढ़े
चादर चमचम वाली
क्या
सखि साजन ?, नहीं दिवाली ।
डॉ.
ज्योत्स्ना शर्मा
एच-604
, प्रमुख हिल्स ,छरवाडा रोड ,वापी
जिला-
वलसाड(गुजरात) 396191
बहुत सुंदर मुकरियाँ। बधाई ज्योत्सना शर्मा जी।
जवाब देंहटाएंहार्दिक धन्यवाद 🙏
हटाएंवाह, दीपावली के आनन्द को निरूपित करती सुंदर मुकरियाँ।हार्दिक बधाई
जवाब देंहटाएंबहुत-बहुत आभार 🙏
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