मंगलवार, 29 दिसंबर 2020

गीत

 

हिन्दी प्यारी है शुभकारी

  

हिन्दी  प्यारी  है शुभकारी ।

सबसे न्यारी मात  हमारी ।। 

इसकी  माता  सुर - भाषा है ।

जीवन की ये  अभिलाषा है ।।

विमल सुहानी,सुभग पुनीता ।

बसती   राधा  इसमे   सीता ।।

बिसरा देती ,  पीड़ा    सारी ।

हिन्दी....

हिन्दी   ध्याते  तुलसी,मीरा ।

पोथी लिखते  सूरकबीरा ।।

विवेकानंद    हिन्दी   बोले ।

जग  की आँखें हिन्दी खोले ।।

जग में जीती   कब  ये  हारी!

हिन्दी.....

ये  जोशीली   सेना- दल में ।

जोश बढ़ाती ये पल- पल में ।।

कवियों  की  येकोमल बोली ।

केसर -खुशबू , मन  में  घोली ।।

पावनता  मन,  दिल  में  धारी ।

 हिन्दी...

भाषा - मोती   कितने सारे ।

हिन्दी- माला  सबको  धारे ।।

सब कुछ जाने गुरुवर माने ।

हिन्दी भाषी   हम  -दीवाने  ।।

भोर- निशा सब,इस पर वारी।

हिन्दी......

जनम लिया या तन को तजते ।

इस  भाषा से,हर पल सजते ।।

आँखें   जागी    चाहे   सोती  

भाषा तो बस   हिन्दी   होती ।।

कोमल शिशु की,ये किलकारी ।

हिन्दी....

भारत  वासी   इस  पर  वारे ।

जनम -जनम हैं मात सहारे ।।

छंद   - तराने    राग - सुहाने ।

सबको  भाते  मोहक   गाने ।।

भाषा अपनी,  हैं   हितकारी ।

हिन्दी....

मान   बढ़ाती,   नाम   बढ़ाती।

हिन्दी जग यश- गान बढ़ाती।।

इसके बिन तोसब कुछ रीता।

हिन्दी ने इसजग को  जीता ।।

पलकें करें न,  इसकी   भारी ।

हिन्दी...

 


 

ज्योत्स्ना प्रदीप

 जालंधर

पंजाब 14403


11 टिप्‍पणियां:

  1. सुन्दर रचना के लिए ज्योत्स्ना जी को बधाई

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  2. 'हिन्दी ध्याते तुलसी,मीरा ।
    पोथी लिखते सूर, कबीरा ।।'....वाह, हिंदी के महत्व को चित्रित करती सुंदर,सहज कविता।ज्योत्स्ना जी को बधाई।

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    1. हार्दिक आभार आपका आद.शिवजी श्रीवास्तव जी!
      🙏

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  3. उत्तम रचना के लिए हार्दिक बधाई।

    जवाब देंहटाएं
  4. उत्तम रचना के लिए हार्दिक बधाई ज्योत्सना जी।

    जवाब देंहटाएं
  5. उत्तम रचना के लिए हार्दिक बधाई ज्योत्सना जी।

    जवाब देंहटाएं
  6. हिंदी पर सुंदर रचना ,बधाई ।

    जवाब देंहटाएं
  7. मेरे गीत को यहाँ स्थान देने के लिए डॉ.पूर्वा जी का हृदय से धन्यवाद!🙏

    जवाब देंहटाएं

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