युवा पीढ़ी
ज्योति चेल्लपन
चरस गाँजा व लत शराब की
डूबी युवा पीढ़ी आज की
खबर न जिन्हें दिन रात की
रहती मस्त जो धुन में अपनी ।
शराब के नशे में चूर,
गया सब नातों को भूल ।
निभा न सका लाज राखी की
दुलार माँ का भी गया भूल ।
दस माह जिस माँ ने अपनी
कोख में देकर खून है पाला।
भूल गई सब दर्द वो अपना
देख लाल का मुख वह भोला।
उस भोले बालक ने ही,
कदर न जानी उसके अरमानों की
इक बोतल शराब के वास्ते ही,
कर दी ममता हवाले शैतानों की।
जिसके आने की खुशी में,
पिता ने किया घर को उजियारा।
उसने ही शराब की लत में,
सर पर उसके कुल्हाड़ा मारा।
आज की हालत पर,
रोता क्यों है इंसान!
अन्याय अनीति अत्याचार
है सब का जिम्मेदार तू इन्सान ।
ज्योति चेल्लपन
प्रणवम
कोट्टकुपुरम्, क्लापना पी. ओ.
करूणागपल्ली
पिन – 690525, केरल
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें