सोमवार, 24 अक्टूबर 2022

विचार स्तवक

 



मनुष्य उदार हो तो फरिश्ता है और नीच हो तो शैतान है। ये दोनों मानवीय वृत्तियों के ही नाम हैं।

-        प्रेमचंद

तैयारी में असफल होना, मतलब आप असफल होने की तैयारी कर रहे हैं।

-        बेंजामिन फ्रैंकलिन

 

 जो मनुष्य अपने क्रोध को अपने ही ऊपर झेल लेता है, वही दूसरों के क्रोध से बच सकता है।

-        सुकरात

जीवन तक नहीं होती मुकद्दर की समस्याएँ,

मृत्यु के बाद भी बाकी रहती हैं हस्तरेखाएँ।

-        मरीज

यह जानना कि आप अज्ञानी हैं यह ज्ञानी बनने का प्रथम सोपान है।

-        डिज़रायेली  

सदाचार और निर्मल जीवन ही सच्ची शिक्षा का आधार है।

-        महात्मा गाँधी

खुद के बारे में ज्यादा बातें करना भी खुद को छुपाने का एक तरीका हो सकता है।

-        नीत्शे  

 

 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

जुलाई 2025, अंक 61

  शब्द-सृष्टि जुलाई 2025 , अंक 61 परामर्शक की कलम से.... – ‘सा विद्या या विमुक्तये’ के बहाने कुछेक नये-पुराने संदर्भ..... – प्रो. हसमुख प...