‘गुज’-गौरव
डॉ. पूर्वा शर्मा
1
कला संस्कृति
है अद्भुत संगम
गुर्जर भूमि ।
2
सुन गुहार
‘नरसैंयो’ के द्वार
आए थे श्याम ।
(‘नरसैंयो’ – गुजरात के भक्त कवि - नरसी मेहता)
3
गुर्जर कोख
हर सदी में जन्में
महापुरुष ।
4
झूम के कहे
गरबा औ’ भवाई
‘गुज’-गौरव ।
5
हमले कई
‘सोम’-शिव अडिग
ध्वस्त न हुए ।
6
भारत शिल्पी
कद छुए आकाश
‘स्टैच्यू’ विशाल ।
7
‘नल’ में गूँजे
‘माइग्रेट’ का स्वर
शीत सौन्दर्य ।
(‘नल’ – ‘नल सरोवर’ में शीत ऋतु में कई विदेशी पक्षी आते हैं)
8
कहीं कपास,
फैली कहीं रण की
श्वेत चादर ।
डॉ. पूर्वा शर्मा
वड़ोदरा
Bahot sundar
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी हायकू । वाह पूर्वा, आशीर्वाद ।
जवाब देंहटाएंगुज शब्द पहली बार पढ़ा, सम्भवतः यह गुजरात के लिए प्रयुक्त है।गुर्जर एक जाति है ...हाइकु सुंदर हैं।
जवाब देंहटाएंगुजरात की मिट्टी की ख़ुशबू लिए सुंदर हाइकु। हार्दिक बधाई सुदर्शन रत्नाकर
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर।
जवाब देंहटाएं