शनिवार, 26 नवंबर 2022

शब्द संज्ञान

 


शब्द संज्ञान

डॉ. योगेन्द्रनाथ मिश्र

मंद और मंद


असल में समान ध्वनि वाले दो 'मंद' शब्द हैं। ऐसे शब्दों को समध्वनि भिन्नार्थी शब्द कहा जाता है।

१. फारसी का मंद।

२. संस्कृत का मंद।

फारसी के 'मंद' शब्द का प्रयोग प्रत्यय की तरह होता है, जिसका अर्थ होता है युक्त या वाला।

सेहतमंद, जरूरतमंद, गैरतमंद, अक्लमंद आदि।

इसका स्वतंत्र प्रयोग होता है या नहीं, इसकी खोज करनी पड़ेगी।

संस्कृत का 'मंद' विशेषण है, जिसका अर्थ है कम, अल्प, सुस्त, धीमा आदि।

मंदबुद्धि, मंद समीर, मंद गति।

इसी मंद से भाववाचक संज्ञा मंदी बनी है। बाजार की मंदी।

ऐसे ही और प्रयोग आप बताइए।


 



डॉ. योगेन्द्रनाथ मिश्र

40, साईंपार्क सोसाइटी, वड़ताल रोड

बाकरोल-388315,

आणंद (गुजरात)

 

2 टिप्‍पणियां:

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