शनिवार, 14 नवंबर 2020

शब्द संज्ञान


            


प्रश्न 1 – क्या ब्रह्मपुत्र नदी को स्त्रीलिंग के तौर पर वाक्य में प्रयोग करने से वाक्य गलत हो जाता है?

जवाब - नदी यानी किसी पदार्थ का वाक्य में प्रयोग नहीं किया जाता।

वाक्य में किसी पदार्थ के नाम का बोध कराने वाले शब्द का प्रयोग किया जाता है।

प्रश्न यह होना चाहिए कि क्या ब्रह्मपुत्र शब्द का नदी के अर्थ में स्त्रीलिंग के रूप में प्रयोग करने से वाक्य गलत हो जाएगा?

उत्तर - नहीं होगा।

ब्रह्मपुत्र (नदी) तबाही मचा रही है। (वाक्य सही है।)

प्रश्न 2 – ब्रह्मा के पुत्र नारद थे। पुत्र अंत में होने के कारण नदी को पुल्लिंग के रूप में क्या वाक्य में प्रयोग किया जा सकता है?

जवाब - लिंग शब्द का होता है, उसके अर्थ का नहीं होता।

ब्रह्मपुत्र शब्द का अर्थ अगर हम 'ब्रह्मा का पुत्र' यानी नारद करते हैं, तो ऐसे में ब्रह्मपुत्र 'शब्द' पुल्लिंग होगा।

लेकिन वाक्य में ब्रह्मपुत्र शब्द का प्रयोग जब हम एक नदी के नाम के रूप में - नामवाचक शब्द के रूप में करेंगे, तब वह स्त्रीलिंग में प्रयुक्त होगा।

ब्रह्मपुत्र (नदी) तबाही मचा रही है।

प्रश्न 3 – लघुत्तम अथवा लघुतम - कौनसा सही है ?

एक ही शब्द के ये दो रूप प्रयोग में दिखाई पड़ते हैं।

इनमें पहला यानी 'लघुत्तम' गलत है तथा दूसरा यानी 'लघुतम' सही है।

कैसे?

मूल शब्द 'लघु' के साथ उत्तमावस्था (सुपरलेटिव डिग्री) का 'तमप्' प्रत्यय जुड़ने से 'लघुतम' रूप बनता है।

इसमें किसी प्रकार की शंका की गुंजाइश नहीं है।

फिर प्रश्न उठता है कि इसमें 'त्त' कहाँ से आया

'लघुत्तम' कैसे हुआ?

'लघु' का विलोम 'महत्' शब्द है।

इसमें 'तमप्' प्रत्यय जुड़ने से 'महत्तम' रूप बनता है।

इसकी रचना में ही 'त्त' है। महत् का त् तथा तमप् का त् - दोनों मिलकर त्त बन जाते हैं।

लेकिन लघुतम में ऐसी स्थिति नहीं है।

लघुतम तथा महत्तम दोनों के बीच (विपरीत) साहचर्य का संबंध है।

बोलने में लघुतम पर महत्तम के प्रभाव से लघुतम लघुत्तम बन जाता है। फिर वह लिखने में आ जाता है।

इसे भाषाविज्ञान में सादृश्यमूलक भूल कहा जाता है।

बहुत सारे लोग अनजाने में ऐसी भूल करते हैं। यह पोस्ट उनके लिए है।

यानी लघुत्तम नहीं लघुतम।



डॉ. योगेन्द्रनाथ मिश्र

भाषाचिन्तक

40, साईं पार्क सोसाइटी

बाकरोल – 388315

जिला आणंद (गुजरात)



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