बुधवार, 26 फ़रवरी 2025

फरवरी 2025, अंक 56

 



शब्द-सृष्टि

फरवरी 2025, अंक 56

परामर्शक की कलम से : विशेष स्मरण.... संत रविदास – प्रो.हसमुख परमार

संपादकीय – महाकुंभ – डॉ. पूर्वा शर्मा

शब्द संज्ञान – अंतरराष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय-अंताराष्ट्रिय/अंताराष्ट्रीय – डॉ. योगेन्द्रनाथ मिश्र

व्याकरण विमर्श – विभक्ति, परसर्ग और प्रत्यय – डॉ. योगेन्द्रनाथ मिश्र

कविता – 1. मेरा भारत 2. चल अकेला.......3. नर्मदे हर – डॉ. अनिल कुमार बाजपेयी

पुस्तक चर्चा – तो जिंदगी हो जाए सफल! (दास्तान-ए-हेमलता-डॉ अरविंद यादव) – प्रो. गोपाल शर्मा

स्मृति शेष – व्यंग्यकार राजेन्द्र घोड़पकर – राजा दुबे

हाइकु – वृद्धावस्था – प्रीति अग्रवाल

कविता – जीवन और मृत्यु – डॉ. राजकुमार शांडिल्य

लघुकथा – 1. दान-पुण्य 2. कठपुतली – अनिता मंडा

कविता – आधार छंद- मदिरा सवैया – लक्ष्मी नितिन डबराल

आलेख – विजयनगर साम्राज्य : एक गौरवशाली युग की गाथा – सुरेश चौधरी

कविता – काव्य-प्रभा – डॉ. पुष्पा रानी वर्मा

पुस्तक समीक्षा – ‘जौरा के मंगोड़े’: माता प्रसाद शुक्ल के जीवंत संस्मरण – डॉ. सुपर्णा मुखर्जी

कविता – स्त्री से किसी ने नहीं पूछा – आशीष दशोत्तर

सामयिक टिप्पणी – अंग्रेज़ राज का सच : ऑक्सफैम के आईने में – डॉ. ऋषभदेव शर्मा

कविता – सब्र – मीनू बाला

विशेष

अखाड़ों का संक्षिप्त विवरण – सुरेश चौधरी

रूत आ गई वसंत की सारी डगरिया – श्रीराम पुकार शर्मा

कविता – चलो विदा होने की तैयारी करें – मोहिनी शर्मा

पुस्तक परिचय – भारतीय ज्ञान-विज्ञान और चिंतन : कुछ संदर्भ (प्रो.हसमुख परमार/डॉ. पूर्वा शर्मा) – कुलदीप आशकिरण



6 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुंदर बधाई और आपका हार्दिक आभार।

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  2. एक और महत्वपूर्ण अंक के लिए हार्दिक बधाई। 'मन चंगा तो कठौती में गंगा ' जैसा आदर्श कथन कहने वाले महान संत रैदास का स्मरण तथा 'महाकुंभ 'के बारे में पढ़कर अच्छा लगा। अंक की अन्य रचनाएँ और आलेख भी बहुत बढ़िया।
    'भारतीय ज्ञान-विज्ञान और चिंतन:कुछ संदर्भ 'पुस्तक के लेखन-सृजन के लिए प्रो.हसमुख परमार सर तथा डाॅ.पूर्वा शर्मा को बधाइयाँ। 💐🙏

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  3. विविधता लिए शब्द सृष्टि के सुंदर,नवीन अंक के लिए डॉ पूर्वी शर्मा जी एवं सभी रचनाकारों हार्दिक बधाई

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  4. उत्तम कृतियों के संकलन का स्थान अर्थात् शब्द सृष्टि । अपने वैविध्य विषयों के साथ नित नूतन प्रयोग प्रशंसनीय हैं ।

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  5. परामर्शक की कलम से : विशेष स्मरण.... संत रविदास – प्रो.हसमुख परमार एवं समकालीन महाकुंभ पर, व्याकरण पर विशेष अंक सारगर्भित है
    मुकेश चौधरी, शोधार्थी हिंदी

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  6. सुरेशचंद्र करमरकर1 मार्च 2025 को 9:23 am बजे

    अति सुंदर

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