बुधवार, 26 फ़रवरी 2025

कविता

 


चलो विदा होने की तैयारी करें

मोहिनी शर्मा

जन्म से पहले ही योजनाबद्ध ढंग से हुआ जन्म का सफर,

कब धरा पर जीवन में परिवर्तित हुआ पता ही नहीं चला ।

अभी तो जन्म का उत्सव है,

परंतु

चलो विदा होने की तैयारी करें !

जन्म के उत्सव से निकल योजनाबद्ध ढंग से शिक्षा के क्षेत्र में कदम रखा

अभिभावकों,गुरुओं और शिक्षकों के मार्गदर्शन से जीवन मंजिल की ओर बढ़ा ।

परंतु

कुछ क्षण ठहरो, सुनो कौन कह रहा है? चलो विदा होने की तैयारी करें !

सुगमता से बढ़ते हुए जीवन को कार्य क्षेत्र में ढाला।

अपने जीवन की आकांक्षाओं को दूसरों की  इच्छाओं में झोंका।

जीवन में अपनी भूमिका को भुलाकर अपने उद्देश्य से भटक कर यह जीवन भूल गया

कि एक तैयारी और योजनाबद्ध ढंग से करने की आवश्यकता है वह विदा होने की तैयारी।

जब तक जीवन ने कुछ क्षण विचार किया, तभी गृहस्थ जीवन योजनाबद्ध ढंग से स्वागत के लिए तैयार खड़ा था ।

जीवन में उतार-चढ़ाव के बाद गृहस्थ जीवन को जिम्मेदारी से पार किया

परंतु

मन में एक टीस उठी कि मुट्ठी से रेत फिसल रही है अर्थात् जीवन के क्षण क्षीण हो रहे हैं लेकिन

इस जीवन के विदा होने की तैयारी तो की ही नहीं !

जीवन की इस पाठशाला का सत्य जानें ।

यह जीवन एक किरदार निभाने के लिए मिला है, इसलिए इसे बखूबी निभाएँ ।

अपने जीवन को मिले हुए किरदार में झोंक दे और इसे बुलंदी पर ले जाएँ ।

इसलिए

जीवन में आगे बढ़ने के साथ-साथ सदैव याद रखें कि विदा होने की तैयारी भी करें !

ताकि

आपका किरदार उन शवों के ढेर में गुम न होकर एक ऐसी जिंदा मिसाल बने,

जिसके अंतिम सफर में अपनों में होड़ लगी हो, आपके किरदार को अपने कंधों पर उठाने की,

जीवन की नश्वरता की अटल सच्चाई के साथ सदैव स्मरण रखें ,

थमती तो केवल साँसे हैं,

लेकिन

किरदार जिंदा रहते हैं

किरदार जिंदा रहते हैं 


 

मोहिनी शर्मा

(सेवानिवृत्त शिक्षिका )

शिक्षा विभाग यू .टी.

चंडीगढ़

12 टिप्‍पणियां:

  1. अद्भुत!लाजवाब!👏👏

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  2. Mohini keep it up very nice 👍👍👍👌👌👌

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  3. सभी का मन से धन्यवाद 🙏

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  4. सुरेशचंद्र करमरकर, सेवानिवृत्त प्राचार्य, शिक्षा विभाग म.प्राचार्य.1 मार्च 2025 को 9:32 am बजे

    आपने लगभग 50%से अधिक व्यक्तियों के जीवन की यथार्थता को चित्रीकरण किया है.मै तो कहूं कि 90%व्यक्ति जाने की तैय्यारी करते ही नही.बहुत ह्रदय स्पर्शी,वास्तविक रचना.धन्यवाद.

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