शब्द-सृष्टि
अक्टूबर 2024, अंक 52
विशेषांक
ज्ञान, भारतीय ज्ञान परंपरा और ज्ञान साहित्य
लेखन, संकलन-संयोजन एवं संपादन – डॉ. पूर्वा शर्मा / प्रो. हसमुख परमार
आरोह तमसो ज्योति:
इसी वेद-अभीप्सा के साथ
आलोक पर्व की मंगलकामनाएँ......
खण्ड-1
4. ‘रामायण’ और ‘महाभारत’ : एक विरासत
5. जैन और बौद्ध दर्शन : कतिपय तथ्य
6. ज्ञान-विज्ञान के अन्य विषय-क्षेत्र (प्राचीन भारतीय ज्ञान परंपरा के संदर्भ में)
7. भारत की प्राचीन शिक्षा प्रणाली (गुरुकुलों का महत्व)
8. मध्यकालीन भारत : ज्ञान एवं शिक्षा के कुछेक संदर्भ
9. आधुनिक भारतीय ज्ञान-विज्ञान : सरोकार व उपलब्धियाँ
खण्ड-2 भारतीय ज्ञान-विज्ञान और चिंतन : कुछ प्रतिभाएँ
3. युग सृष्टा-युग दृष्टा स्वामी विवेकानंद
खण्ड-3 कुछ संदर्भ हिन्दी साहित्य से…..
3. संत काव्य [ ज्ञानाश्रयी शाखा]
5. सूरदास : भक्ति एवं कवित्त्व
7. ‘व्यवहारविदे’ की दृष्टि से हिन्दी उपन्यास
8. हिन्दी हाइकु में पर्यावरणीय चेतना
9. ‘लोकवार्ता’ और ‘लोक साहित्य’
प्रथमदृष्ट्या पठनीय और संग्रहणीय अंक।
जवाब देंहटाएंआप दोनों को हार्दिक बधाई!
જ્ઞાન વિષયક અંક...... ખરેખર જ્ઞાન વર્ધક... ર્ડા purva શર્મા, પ્રૉ હસમુખ પરમાર જી... અભિનંદન 🙏🌹🌹 પ્રદીપ કુમાર
जवाब देंहटाएंभारतीय विद्वानों/साहित्यकारों को संक्षिप्त में व्याख्यायित करता और इस और इशारा करता कि इनके अध्ययन की हिन्दी साहित्य में निरन्तर अपेक्षा है। हार्दिक शुभकामनाऍं।
जवाब देंहटाएंभारतीय ज्ञाननिधि का कलात्मक तथा भावात्मक सौंदर्य भली-भांति प्रकट हुआ है ।
जवाब देंहटाएंभारत भूमि पर ज्ञान की अक्षुण्ण परम्परा रही है । आदिमकाल से लेकर हमारे प्रचीन ऋषि मुनियों से अब तक भारत भूमि ने इस अक्षुण्ण परम्परा को संजोए रखा है । इसी क्रम में शब्द सृष्टि का यह अंक सराहनीय है । सम्पादक द्वय (गुरुवर प्रो. हसमुख परमार और डॉ. पूर्वा शर्मा जी) ने अथक प्रयास से इस अंक को संजोया है । प्रचीन ऋषि मुनियों, विचारकों, अध्येताओं से लेकर वैदिक साहित्य से वर्तमान साहित्य तक को इस अंक में समाहित कर पाठकों समक्ष प्रस्तुत किया गया है । इस अंक की खासियत यह है कि इसमें लोकसाहित्य और वार्ता के साथ वैज्ञानिक पद्धति की ओर भी दृष्टि डाली गई है। इस बेहतरीन अंक के लिए मैं पत्रिका के मार्गदर्शक गुरु प्रो. हसमुख परमार सर और सम्पादिका महोदया डॉ. पूर्वा शर्मा जी को खूब बधाई प्रेषित करता हूँ । साथ ही यह अंक दीपोत्सव के दिन प्रकाशित हुआ है तो इस जगमगाहट के साथ सभी पाठकों, लेखकों, विचारकों गुरुजनों और साथी मित्रों को दीपोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएं*कुलदीप आशकिरण*
यूँ तो शब्दसृष्टि का हर अंक बड़ा ही आकर्षक और ज्ञानवर्धक होता है, परंतु यह अंक कुछ विशेष ही है, जिसमें 'ज्ञान 'को ही बडे विस्तार से उसके विविध पहलुओं के साथ बताया। बहुत ही महत्वपूर्ण और उपयोगी अंक।
जवाब देंहटाएंबड़ी मेहनत और सूझ-बूझ से इसे तैयार करने वाले दोनों साहित्यसेवी- प्रो.हसमुख सर और डाॅ.पूर्वा जी को हार्दिक बधाई। 💐🙏🙏💐ज्ञान से विशेष कुछ नहीं। 🙏
Very good Mahendrakumar
जवाब देंहटाएंKhub saras aank ..congratulations ji
जवाब देंहटाएंVery good. Mahendrakumar
जवाब देंहटाएंVery good. Mahendrakumar
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