शब्द-सृष्टि
दिसंबर 2023, अंक 42
स्मरणांजलि.... शब्दांजलि....
डॉ. सुधा गुप्ता विशेष
संपादकीय – एक साहित्यकार का जाना.... – डॉ. पूर्वा शर्मा
शब्दांजलि – शब्ददेह - यशः काय -‘न ममार न जीर्यति’ – प्रो. हसमुख परमार
आइए मिलते हैं...... – डॉ. सुधा गुप्ता (1934-2023) - एक नज़र : सफ़र-ए-ज़िंदगी
यादों के झरोखे से – कैसे भूलूँ वे स्नेहिल पल! – रमेश कुमार सोनी
सृजन के स्वर
1. डॉ. सुधा गुप्ता - साहित्य जगत की एक सफल साधिका – ज्योत्स्ना प्रदीप
2. डॉ. सुधा गुप्ता और स्नेहरश्मि – साईनबानुं मोरावाला
कृति से गुजरते हुए…
1. हाइगा आनंदिका (हाइगा-संग्रह) – डॉ. ज्योत्स्ना शर्मा
2. एक पाती : सूरज के नाम (आत्मकथा)– डॉ. पूर्वा शर्मा
3. बीसवीं शताब्दी का उत्तरार्द्ध और हिन्दी कविता– कुलदीप ‘आशकिरण’
4. खुशबू का सफ़र (हाइकु-संग्रह) – साईनबानुं मोरावाला
2. ‘मनपसंद मौसम’ से ‘रिहाई’ – डॉ. पूर्वा शर्मा
सान्निध्य की फलश्रुति – डॉ. सुधा गुप्ता से पूर्वा शर्मा की बातचीत
सृजन स्मरण – डॉ. सुधा गुप्ता का रचना संसार – कुछेक अंश
1. आत्मकथा-अंश (एक पाती : सूरज के नाम) 2. हाइबन (कर्मयोगी)
3.हाइकु, ताँका, सेदोका, चोका (1. बाती बोली यूँ 2. मावस भोली) और माहिया
धरोहर
काव्यांजलि – 1. चोका (उन्हें प्रणाम!) 2. हाइकु – डॉ. पूर्वा शर्मा
बहुत सुन्दर अंक आपकी मेहनत का प्रतिफल है। बधाई।
जवाब देंहटाएंगुरुवर प्रो. हसमुख सर के मार्गदर्शन और डॉ. पूर्वा शर्मा मैंम के कुशल संपादन में संपादित ई-पत्रिका शब्द-सृष्टि का यह अंक हाइकू कवयित्री डॉ. सुधा गुप्ता के रचनाकर्म पर आधारित है। यह विशेषांक बहुत ही महत्वपूर्ण और रचनाकार के रचनाधर्मिता को संजोने अंक है। इस विशेषांक के माध्यम से न केवल रचनाकार को स्थापित किया गया है बल्कि हिन्दी साहित्य की महत्त्वपूर्ण विधा (हाइकू) को भी बचाने, संजोने और पाठकों को इससे रूबरू कराने का महत्त्वपूर्ण कार्य किया गया है। गुरुवर प्रो. हसमुख परमार सर का सानिध्य हमारे लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है, उन्ही उपलब्धियों में से शब्द सृष्टि हमारे लिए उपयोगी और महत्त्वपूर्ण वेव पेज है, जिसे गुरुवर प्रो. हसमुख परमार सर और डॉ. पूर्वा जी बड़े ही मेहनत व लगन से समय पर प्रकाशित करतें है। इस अंक में मेरे भी एक आलेख को स्थान प्राप्त हुआ है। इसके लिए मैं अपने सर प्रो. हसमुख परमार सर और डॉ. पूर्वा मैंम शुक्रिया अदा करता हूँ।
जवाब देंहटाएं(कुलदीप आशकिरण)
हिंदी साहित्य का संवर्धन करने वाली स्मृति शेष डॉ. सुधा गुप्ता जी के इस विशेषांक का स्वागत है। सभी रचनाकारों ने इस अंक में अपनी स्मृतियों से शब्दांजलि दी है, इसमें मैं भी सहभागी हूँ।
जवाब देंहटाएंमुझे सुधा जी का विशेष स्नेह प्राप्त हुआ।
इस अच्छे अंक के लिए पूर्वा शर्मा जी को बधाई एवं शुभकामनानाएँ।
आदरणीया सुधा जी पर आधारित यह अंक बहुत ख़ास है। उनकी स्मृतियों को नमन! पूर्वा जी, बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएँ!
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