शब्द
सृष्टि, फरवरी – 2022, अंक – 19
एक
नज़र रुपहले परदे की ओर.....
शब्द संज्ञान
फिल्म विषयक तकनीकी शब्दावली – डॉ. हसमुख परमार
किताब
भारतीय साहित्य और समाज का दृश्यांकन है ‘भारतीय सिनेमा का सफ़रनामा’ – कुलदीप कुमार ‘आशकिरण’
प्रासंगिक
स्मृति शेष बिरजू महाराज – राजा दुबे
शख़्सियत
सिनेमा में साहित्यिक संस्पर्श : डॉ. इरशाद कामिल – डॉ. पूर्वा शर्मा
आलेख
मनुष्य का मस्तिष्क और उसकी अनुकृति कैमरा – जय प्रकाश चौकसे
मनुष्यता के कवि शैलेन्द्र – डॉ. पुनीत बिसारिया
शैक्षिक मूल्य और हिन्दी सिनेमा – भवेश दिलशाद
हिन्दी सिनेमा और स्त्री विमर्श – जयंतिलाल बारीस
९१ वर्षों का हिन्दी फिल्म संगीत का सफ़र – रवि शर्मा
हिंदी फिल्मों एवं दूरदर्शन को कमलेश्वर का योगदान – डॉ. शिवजी श्रीवास्तव
हिन्दी फिल्म पत्रकारिता – सैयद खालिदमोहंमद
अमृतांजलि : बेजान लकीरों का नक्शा, रिश्तों की नज़ाकत क्या जाने? – जय प्रकाश चौकसे
गीत पर बात
अमर गीत (‘मेरी आवाज़ सुनो’) – अनिता मंडा
कविता
चौपई /जयकरी छन्द – लता जगत में विलग, अनूप – ज्योत्स्ना शर्मा प्रदीप
फ़िल्म समीक्षा
हिन्दी सिनेमा का अनमोल मोती - मदर इंडिया – गौतम कुमार सागर
साहित्य और सिनेमा के अंतर्संबंधों का आख्यान है ‘सतह से उठता आदमी’ – कुलदीप कुमार ‘आशकिरण’
औपन्यासिक जीवनी – ‘काल के कपाल पर
हस्ताक्षर : हरिशंकर परसाई’ से
ओ गाने वाले बाबू...! (किशोर कुमार) – राजेन्द्र चन्द्रकान्त राय
Excellent....
जवाब देंहटाएंसिनेमा पर अनमोल विचार 👏👏
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा और संग्रहणीय अंक । सभी साथियों ने खूब मेहनत से लेख लिखे है । सभी को बधाई और आभार ।
जवाब देंहटाएंGreat Explanation and Research on Hindi Movies, Good job @Dr. H.M.Parmar 👏👏
जवाब देंहटाएंyours sincerely,
(Dipanjal Parmar & Family)
Great Work Done!! 🙌🙌
जवाब देंहटाएंडॉ० हॅसमुख परमार सर के परामर्श में डॉ० पूर्वा शर्मा द्वारा साहित्य, सिनेमा और समाज पर आधारित शब्द सृष्टि का यह अंक बहुत ही रोचक एवं ज्ञानवर्धक है। फ़िल्म समीक्षा और साहित्य पर केंद्रित इस अंक के लेखों का चयन एवं सम्पादन सराहनीय है। इस अंक में मेरे भी दो आलेखों को स्थान मिला है इसके मैं आदरणीय डॉ हँसमुख परमार सर को तहे दिल से आभार व्यक्त करता हूँ। निःसंदेह आपके मार्गदर्शन में शब्द सृष्टि अपने नाम की सार्थकता सिद्ध कर रही है। इतने बेहतरीन अंक के लिए आदरणीय परमार सर और पूर्वा शर्मा जी को हार्दिक बधाइयां।
जवाब देंहटाएं(कुलदीप कुमार 'आशकिरण')
सिने लोक का बहुत ही सुखद सफर कराने के लिए शब्द सृष्टि के आदरणीय हसमुख सर एवं डॉ पूर्वा शर्मा को हार्दिक बधाई💐💐🙏👌👌
जवाब देंहटाएंExcellent Work!!
जवाब देंहटाएंसिनेमा का साहित्य भी अद्भुत है जिसे देखने से ही मन तृप्त हो जाता है, आज आपने इसे पढ़ाया भी-अच्छा लगा।
जवाब देंहटाएंसुंदर अंक बधाई।
आज के सर्वाधिक पसंदीदा विषय पर बहुत ही आकर्षक अंक......अभिनंदन 💐🙏SONA
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया अंक...हार्दिक बधाई।
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया संग्रहणीय अंक ।
जवाब देंहटाएंसिनेमा जगत की हर बारीकी का बखूबी वर्णन समस्त लेखों में दृष्टिगत होता हैं। प्रत्येक लेख अपने आप में नई जानकारी को लिए हुए हैं ।अतः एक पाठक वर्ग की दृष्टि से "शब्द सृष्टि" के इस अंक की जितनी सराहना की जाए उतनी कम है।
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