शब्द सृष्टि
नवम्बर 2023, अंक 41
उजाले के साथ....
विशेष – आ गई दीपावली.... – प्रो. बीना शर्मा
भाषा-चिंतन – 1)दिवाली/दीवाली 2)रेफ किसे कहते हैं?– डॉ. योगेन्द्रनाथ मिश्र
विचार – धर्मो रक्षति रक्षितः – सुरेश चौधरी 'इंदु'
रम्य रचना – कंचन थार आरती नाना – डॉ. ऋषभदेव शर्मा
व्यंग्य – लक्ष्मीजी से मुलाकात – डॉ. गोपाल बाबू शर्मा
कविता – ज्ञानदीप – गोपाल जी त्रिपाठी
विशेष – डायरी के पन्ने.... – डॉ. बीना शर्मा
कविता – धनतेरस – मालिनी त्रिवेदी पाठक
कविता – जगमग दीप जले – इन्द्र कुमार दीक्षित
भजन – श्याम – सुरेश चौधरी 'इंदु'
कवि परिचय – सरदार कवि – प्रो. पुनीत बिसारिया
संस्मरण – खोही पर के बुडुआ – इन्द्र कुमार दीक्षित
कविता – हेमन्त ऋतु – सुरेश चौधरी
शब्द सृष्टि का दिवाली केंद्रित यह अंक जगमगाहट के साथ ज्ञान की ज्योति से ओत-प्रोत है। इस अंक में प्रकाशित सभी रचनाकारों को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं। साथ ही शब्द सृष्टि के परामर्शक प्रो. हसमुख परमार सर और सम्पादक डॉ. पूर्वा शर्मा जी को बेहतरीन अंक के लिए हार्दिक बधाई💐💐 ।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन अंक की बधाई।
जवाब देंहटाएंसभी रचनाकारों जो दीपोत्सव की शुभकामनाएँ।
दिवाली के दीपों से प्रकाशमान समय में साहित्य सेवियों की लेखनी के उजालों को फैलाता निराला अंक।
जवाब देंहटाएंसंपादक डाॅ. पूर्वा शर्मा जी तथा आदरणीय प्रो.हसमुख सर को बधाई 🙏💐Happy Diwali...नववर्ष की शुभेच्छा 💐
दिवाली पर केन्द्रित एक बेहतरीन अंक। जिसके उजास ने मन को ज्ञान से आलोकित कर दिया है। यह सम्पादक द्वय के परिश्रम का परिणाम है। सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई। भविष्य में भी ऐसे ही प्राप्त होते रहेंगे।अशेष शुभकामनाएँ। सुदर्शन रत्नाकर
जवाब देंहटाएंपूर्णत:प्रासंगिक अंक।रूप, रंग, भाव-विषय सबकुछ प्रकाशमान।
जवाब देंहटाएंहसमुख सर और पूर्वा जी आपका लिखा...शुभकामना के साथ साथ....बहुत ही बढ़िया लगा। 💐🙏