शब्द-सृष्टि
अक्टूबर
– 2022, अंक
– 27
दीपोत्सव
की अशेष शुभकामनाओं के साथ...
व्याकरण विमर्श – डॉ. योगेंद्रनाथ मिश्र
सार /ललित छन्द – छलनी लेकर हाथों में – ज्योत्स्ना शर्मा प्रदीप
कविता – मैं उजाला बाँटता हूँ – त्रिलोक सिंह ठकुरेला
कविता – वो शख़्स – प्रीति अग्रवाल
लघुकथा – सदा सुहागिन – श्यामसुंदर अग्रवाल
लघुकथा – खाँचा – सत्या शर्मा ‘कीर्ति’
आलेख – भारतीय लोकनाट्य (‘नौटंकी’ और ‘भवाई’ के विशेष सन्दर्भ में) – डॉ. हसमुख परमार
आलेख – भक्तिकाव्य का मूल्यांकन और विश्वनाथ त्रिपाठी – डॉ. भरत वणकर
आलेख – ‘तलब’ : दलित समाज की संवेदनाओं की अभिव्यक्ति – डॉ. प्रदिपकुमार महिडा
एक अच्छी पत्रिका,सभी रचनाकारों सहित संपादक जी को बधाई।
जवाब देंहटाएंशुभ दीवाली।
बहुत सुंदर, शुभ दिपावली , नये साल की ढेर सारी शुभ कामनाऐँ सर...
जवाब देंहटाएंदिन प्रतिदिन निखरती पत्रिका। सम्ब मंडल एवं बहुत सुंदर रचनाओं के लिए सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंबहुत ही बढ़िया अंक....
जवाब देंहटाएंसभी स्तंभों की विषय वस्तु ज्ञानवर्धक।
हसमुख सर तथा संपादिका डॉ.पूर्वा शर्मा को हार्दिक बधाई 🙏💐
दीपावली व नववर्ष की शुभकामनाएँ।