शब्द-सृष्टि
सितंबर 2024, अंक 51
भाषा
शब्द संज्ञान – ‘अति आवश्यक’ तथा ‘अत्यावश्यक’ – डॉ. योगेन्द्रनाथ मिश्र
व्याकरण विमर्श – वाक्य विचार – डॉ. योगेन्द्रनाथ मिश्र
हिंदी दिवस विशेष – ऐसी बानी बोलिये... – डॉ. ऋषभदेव शर्मा
साहित्य
आलेख – मछलियाँ और आदिवासी कविता – प्रो. शिवप्रसाद शुक्ल
पुस्तक चर्चा – आदिवासी जीवन का दस्तावेज़-‘कलम की तलवारें’(उषाकिरण आत्राम) – डॉ. सुपर्णा मुखर्जी
संस्मरण – फादर कामिल बुल्के की जन्म जयंती पर – सुरेश चौधरी
लघुकथा – विरासत – गोपाल जी त्रिपाठी
आलेख – मानवता की संस्कृति : कामायनी – कुलदीप आशकिरण
लघुकथा – हकीकत – प्रीति अग्रवाल
साहित्येतर
धार्मिक आध्यात्मिक
अनंत चतुर्दशी 2024 – सुरेश चौधरी
लोक संस्कृति
लोक परंपरा : ‘नांदुरवादेव’ तथा मृत्यु-पर्व : ‘दीयाळो’ – विमलकुमार चौधरी
आलेख – संघर्षरत :आदिवासी वर्ग – रूपल उपाध्याय
शब्दसृष्टि का यह 51वाँ अंक अपनी साहित्यिक विविधताओं के साथ पाठकों के समक्ष प्रस्तुत है। इस अंक के सभी आलेख विद्यार्थियों और शोधार्थियों के लिए लाभप्रद हैं.... मार्गदर्शन प्रो. हसमुख परमार औऱ सम्पादिका डॉ. पूर्वा शर्मा के अथक प्रयासों से यह वेव पेज साहित्यिक गतिविधियों के साथ निरंतर अपनी गति में प्रवाहमान है। इसके लिए हम प्रो. हसमुख परमार सर और डॉ. पूर्वा शर्मा जी को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देते हैं।
जवाब देंहटाएंआशकिरण
गुरूदेव प्रो. हसमुख परमार जी एवं सम्पादिका डॉ. पूर्वा शर्मा के लग्न, सतत् परिश्रम से यह वेव पेज साहित्यप्रेमियों के ज्ञानवर्धन के लिए रामबाण है पत्रिका के इस में सारगर्भित लेख, समसामयिक विषयों पर टिप्पणियां प्रस्तुत की गई है ।
जवाब देंहटाएंमुकेश चौधरी, शोधार्थी हिंदी
शब्द सृष्टि के एक और सफलतम अंक के बधाई, शुभकामनाएँ।
जवाब देंहटाएंकृपया कविताओं के लिए भी स्पेस बनाया करिए।
साहित्यिक मर्म को समझने -समझाने की दिशा में सही साबित होती हुई शब्द सृष्टि के 51वे अंक के लिए हार्दिक शुभकामनाऍं।
जवाब देंहटाएंप्रो.हसमुख परमार सर की विद्वता से मार्गदर्शित और डाॅ.पूर्वा शर्मा की सूझ-बूझ व मेहनत से संपादित 'शब्दसृष्टि 'अपने नाम को सार्थक करते हुए अपने दायित्व का अच्छी तरह निर्वाह कर रही है।
जवाब देंहटाएंसार्थक प्रस्तुति एवं उत्कृष्ट रचनाओं की बेहतरीन प्रविष्टी उजागर करता हुआ अंक ।
जवाब देंहटाएंसुन्दर, सरस , ज्ञानवर्धक साहित्य से सज्जित अंक के लिए सम्पादन मंडल को बहुत-बहुत बधाई । व्याकरण ,आदिवासी जीवन तथा साहित्य से सम्बद्ध लेख विशेष लगे। ताँका रचनाएँ भी बहुत सुन्दर हैं। सभी रचनाकारों को भी पुन: पुन: बधाई और शुभकामनाएँ 💐
जवाब देंहटाएंडॉ. ज्योत्स्ना शर्मा