रविवार, 29 अक्तूबर 2023

कविता

 



मन्नत के धागे

 

कंचन अपराजिता

 

मंदिर की दीवारों के

मुख्य द्वार के

बगल में

एक लोहे की फेंसिंग है

जिसमें मौली से

बँधे हुये हैं

अनेक लोगों के

मन्नत के धागे..

एक धागा

कहता है

एक गाथा

एक अधूरी इच्छा

एक अधूरी कहानी

एक न मुकम्मल हो पायी

ज़िंदगी की रवानी

हाँ! बँधे है सभी के

कुछ खास एहसास

भर कर

पूरी आस्था व विश्वास

कि पूर्ण हो जायेगें वो..

ईश्वर भक्ति में

क्या अद्भुत शक्ति है

मौली के धागे बाँध

अमीर गरीब

सुखी दुखी

स्त्री पुरुष

देशी परदेशी

सब ले जाते हैं

अपनी मन्नत

पूरी होने की आस..।



 

कंचन अपराजिता

चेन्नई

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