शब्द
सृष्टि, जनवरी – 2022, अंक – 18
विश्व
हिन्दी दिवस एवं गणतंत्र दिवस की अग्रिम शुभकामनाओं सहित
नववर्ष
का प्रथम उपहार.....
पहेलियाँ – मनोविनोद और दिमागी व्यायाम की उक्तियाँ : पहेलियाँ
परिचय – भवानी दयाल संन्यासी – डॉ. हसमुख परमार
आलेख – प्रवासी हिन्दी साहित्य के प्रमुख हस्ताक्षर अभिमन्यु अनत – डॉ. पूर्वा शर्मा
कविता – मातृभाषा – सत्या शर्मा ‘कीर्ति’
गणतंत्र-दिवस पर विशेष –
1. भारतीय गणतंत्र दिवस : एक सुखद अनुभूति – डॉ. मदनमोहन शर्मा
लघुकथा – भिखारी – प्रीति अग्रवाल
गीत – 1. सुनो प्रार्थना हे प्रभु मेरी ! 2.फिर उड़ान भर पँछी – डॉ. ज्योत्स्ना शर्मा
आलेख – राजस्थानी लोकगीतों में प्रेम निरूपण – जालम सिंह राजपुरोहित
कविता – 1. अभिनन्दन कर लें 2. दर्प – डॉ. सुरंगमा यादव
रचना से गुजरते हुए –
1. बादल को घिरते देखा है (कविता – नागार्जुन) – डॉ. हसमुख परमार
2. बावली (कहानी – नासिरा शर्मा) – साइनबानुं मोरावाला
हाइकु – मकर संक्रांति – डॉ. पूर्वा शर्मा
औपन्यासिक जीवनी – काल के कपाल पर हस्ताक्षर : हरिशंकर परसाई (भाग – 5) – राजेन्द्र चंद्रकांत राय
एक अच्छा संतुलित अंक जिसके सभी स्तंभ अपनी गरिमा के साथ अभिव्यक्त हैं। सभी रचनाकारों एवं संपादकीय टीम को हार्दिक बधाई।
जवाब देंहटाएंBahot sundar
जवाब देंहटाएंअंक की विषय वस्तु और सजावट बहुत ही आकर्षक। डॉ. पूर्वा शर्मा तथा प्रो. हसमुख सर को हार्दिक बधाई🙏💐
जवाब देंहटाएंVicky
इस अंक की विषय वस्तु और सजावट बहुत ही आकर्षक और बढ़िया है डॉ शर्मा और प्रोफेसर हसमुख परमार सर को हार्दिक बधाई आप ऐसी रचना करते रहे।
जवाब देंहटाएंशब्द सृष्टि....
जवाब देंहटाएंपढ़ते हैं एक बार पर देखते हैं बार बार....
सुन्दर। अतिसुंदर।
बधाई💐🙏
अतुल
पूर्ववत ....सुन्दर, सारगर्भित, रोचक पठनीय सामग्री उपलब्ध कराता अनुपम अंक। सम्पादन मंडल को हार्दिक बधाई।
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