कभी
अपने साथ भी वक़्त बिताया कर
मीनू
बाला
कभी
अपने साथ भी वक़्त बिताया कर
कभी
खुद से भी मुलाकात कर आया कर,
कभी
अपने कंधों को भी थपथपाया कर,
सारा
दिन जो तेरे शरीर का बोझ झेलते हैं
कभी
इन पैरों को भी सहलाया कर।
कभी
अपने साथ भी वक़्त बिताया कर।
सारी
उम्र ही यह सोचकर गुजार दी
कि
कोई उंगली न कर दे,
रखा
अपना किरदार शीशे की तरह साफ
कि
कोई मानहानि न कर दे।
कब
तक लोगों की सोच के साथ जीवन जीयेंगे,
कभी
खुद की भी कर जाया कर,
कभी
अपने साथ भी वक़्तबिताया कर।
भागते-दौड़ते
इस जीवन में कब यहाँ तक पहुँच गई,
पता
ही न चला
कब
छोटी से अचानक बड़ी हो गई,
पता
ही न चला।
जब
थक जाती हो, तो थोड़ा थम जाया कर
कभी
अपने साथ भी वक़्त बिताया कर।
कभी
वो कर जो तुम्हें हो पसंद
कभी
वो बना जो तू खाना चाहे
कब
तक दूसरों की हाँ में हाँ मिलाती रहोगी,
कभी
खुद की भी हाँ में हाँ मिलाया कर।
कभी
तो अपने साथ भी वक़्त बिताया कर।
न
कुछ रूका है इस दुनिया में और
न
कुछ तेरे बगैर रूकेगा
ऐसे
ही न खुशफहमियों में दिन बिताया कर
कभी
अपने मन की भी मान जाया कर
कभी
तो अपने साथ भी वक़्त बिताया कर
कभी
अपने साथ भी वक़्त बिताया कर।
मीनू
बाला
राजकीय
आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय
विभाग
39
सी,चंडीगढ़
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