प्रकृति में सौंदर्य बिखेरते सुंदर पक्षी
मोहिनी शर्मा
आँखों देखी :- गत वर्ष अप्रैल के अंतिम सप्ताह में घर के
गमले में लगे PALM TREE की
एक नाजुक शाखा के ऊपर एक पक्षी (जो शायद SUNBIRD की प्रजाति है) ने दो-चार तिनके लाकर टांग दिए और देखते ही
देखते कुछ दिनों में उसे एक घोंसले का रूप दे दिया। तिनका-तिनका अपनी चोंच में
लाना और अपने घोंसले को कुशल कारीगर की तरह निरंतर बिना थके उसे भविष्य की सुविधा
हेतु तैयार करना। मैं लगभग निरंतर उसे देखते हुए सोचती रहती कि वह PALM
की उस कोमल शाखा पर जो हवा के हलके झोंकों से झूमती है
कितने समय तक प्रयासरत रहेगी। लेकिन उसकी मेहनत ने घोंसले का रूप ले लिया। मादा
पक्षी ने स्वयं उसमें बैठना आरंभ कर दिया और जिस उद्देश्य के लिए घौंसला तैयार
किया था वह दो बच्चों को अंडे के रूप में जन्म देकर पूरा किया। लगभग कुछ दिनों बाद
अंडों से बच्चों का सृजन हुआ और फिर उनको भोजन उपलब्ध कराने की व्यवस्था,जो नर और मादा पक्षी दोनों ने व्यवस्थित ढंग से मिलकर पूरी
की। रात को मादा पक्षी बच्चों के साथ घोसले में ठहरती। यह सब कुछ मैं कुछ ही दूरी
से निहारती रहती क्योंकि यह मेरी दिनचर्या का हिस्सा बन चुका था। और पक्षी भी यह
समझ चुके थे कि यहाँ हमें कोई नुकसान पहुँचाने वाला नहीं है। दोनों बच्चे अब कुछ
संभल चुके थे लेकिन एक रात बहुत तेज हवा, वर्षा से घोसला पाम की उस नाजुक शाखा से गिर गया। सुबह जैसे
ही मैंने दरवाजा खोला और घोसले को गिरा पाया मेरे मन को बहुत ठेस पहुँची। शीघ्रता
से बाहर गई और घोसले को हिलाकर देखा और भगवान को धन्यवाद दिया क्योंकि अंदर जीवन
सुरक्षित था। तभी नर मादा पक्षी चोंच में दाना लेकर घोंसले के स्थान पर पहुँचे
लेकिन निराश हुए क्योंकि घोंसला अपने
चिरपरिचित स्थान पर नहीं था। बच्चों के लिए उनकी छटपटाहट को मैं महसूस कर
रही थी पर फिर मैंने और मेरे जीवन साथी ने मिलकर धागे की सहायता से घोसले को उसी
शाखा पर टाँग दिया और फिर से वही दिनचर्या प्रारंभ हुई और भगवान से प्रार्थना की
कि यहाँ से बच्चे आसमान में अपनी सुरक्षित उड़ान भरे। यह बच्चे धीरे-धीरे अब
शारीरिक रूप से नर मादा पक्षी जैसे दिखने लगे। घोंसले से बाहर आने की छटपटाहट अब
साफ नजर आने लगी। अब उनके पंखों में उड़ान भरने की ताकत आ चुकी थी। 28 मई को उन बच्चों की आसमान में सफल उड़ान का दिन था और मेरे
लिए,मेरे साथ उनके द्वारा यहाँ गुजरे कुछ यादगार पलों को संजोने
का भी।
·
प्रकृति
के कण-कण से मित्रता पूर्ण व्यवहार आनंद देता है और प्रकृति को पहुँचाया गया
नुकसान सभी के लिए कष्टप्रद रहता है।
मोहिनी शर्मा
(सेवानिवृत्त शिक्षिका)
शिक्षा विभाग यू .टी .चंडीगढ़
अद्भुत दृष्टिकोण
जवाब देंहटाएंati sundar rachna
जवाब देंहटाएंपक्षी स्वयं मे ही सुंदर हैं. उनकी गतिविधीयों का अध्ययन भी सुंदर और आकर्षक.
जवाब देंहटाएंपक्षी तो मानवता की जीवन रेखा.गौरैया आंगन मे चूंचूं की आवाज निकालती है तो शिशु ले वृद्ध तक का ध्यान आकर्षित करती है.
जवाब देंहटाएंवाह ! आप कविताएँ भी लिखते हैं Ma'am
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर लिखा है 👌👌 shallu
सभी का मन से धन्यवाद 🙏
जवाब देंहटाएं