(चित्रांकन -
बीना प्रजापति)
‘गोदान’
से
1.
जो व्यक्ति कर्म और वचन में
सामंजस्य नहीं रख सकता, वह और कुछ हो, सिद्धांतवादी नहीं है।
2.
मन पर जितना ही गहरा आघात होता
है उसकी प्रतिक्रिया भी उतनी ही गहरी होती है।
3.
बड़े आदमियों का क्रोध पूरा
समर्पण चाहता है। अपने ख़िलाफ़ एक शब्द भी नहीं सुन सकता।
4.
संसार में इलम की कदर नहीं है,
ईमान की कदर है।
5.
कर्ज वह मेहमान है, जो एक बार
आकर जाने का नाम नहीं लेता।
6.
प्रेम अवगुणों को गुण बनाता है,
असुंदर को सुंदर।
–
प्रेमचंद
सुंदर विचार
जवाब देंहटाएंवाह वाह । जीवन की सच्चाई का निचोड़ - लघु वाक्यों में
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर विचार। सुदर्शन रत्नाकर
जवाब देंहटाएं