हीरक
कविता
(DIAMOND
POETRY)
डॉ. ऋषभदेव
शर्मा
सर्जनात्मक
लेखन कार्यशाला ‘कल्पतरु’
के तहत नए रचनाकारों को कविता की नई और आसान शैलियों का अभ्यास कराते हुए अमेरिकन
कविता ‘डायमंड पोएट्री’
के आधार पर हिंदी की प्रकृति के
अनुरूप विकसित ‘हीरक कविता’ काफ़ी
रोचक प्रतीत हुई। सेंट्रल एलाइनमेंट में लिखे जाने पर इसका आकार हीरे जैसा लगता है,
इसलिए इसे 'हीरक' नाम
दिया गया है।
नियम...
v हीरक
में 16 शब्द होते हैं जिन्हें कुल 7 पंक्तियों में संयोजित
किया जाता है।
v पंक्ति
1 और 7 में 1, 1 शब्द होता है।
शर्त यह है कि यह शब्द ‘संज्ञा’ होना चाहिए।
v पंक्ति
2 और 6 में 2, 2 शब्द होते हैं।
v पंक्ति
3 और 5 में 3, 3 शब्द होते है।
v पंक्ति
4 में 4 शब्द
होते हैं।
ये
सारे शब्द मिलकर एक सार्थक शब्दचित्र का निर्माण करते हैं और किसी भाव या विचार को
रमणीय अभिव्यक्ति प्रदान करते हैं।
हीरक
कविता का रूपाकार
1
1 2
1 2 3
1 2 3 4
1 2 3
1 2
1
उदाहरण
–
1.
स्वभाव
आँसू
एक
गिरा
सीपी
में कल
उग
आया मोती फल
सीपी
क्या जाने
आँख
नहीं
बादल
2.
सावधान!
कलम
उठा
तो
ली
हाथ में
तुमने,
पर सोच लो
तलवार
यह दुधारी
काटे
न
अंग
3.
पापा
कल्पतरु
हो
तुम
देते
छाँव घनी
हर
इच्छित फल भी
हर
शाखा से
उपजाते
नई
शाखें
डॉ. ऋषभदेव
शर्मा
सेवा
निवृत्त प्रोफ़ेसर
दक्षिण
भारत हिन्दी प्रचार सभा
हैदराबाद
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