मंगलवार, 4 जनवरी 2022

गणतंत्र-दिवस पर विशेष

 


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भारतीय गणतंत्र दिवस : एक सुखद अनुभूति

डॉ. मदनमोहन शर्मा

ऐतिहासिक कालखंड के उतार-चढ़ावों के बीच भारतीय स्वाधीनता की घटना अपने-आप में अपार सुखद अनुभूति है क्योंकि राष्ट्रीय मूल्यों के पोषण के लिए, राष्ट्रीयता की पहचान के लिए और राष्ट्रीय अस्मिता को अक्षुण्ण रखने के लिए इस एहसास का अस्तित्व प्रत्येक भारतवासी के लिए आवश्यक है। स्वाधीनता-संग्राम की अनेक जटिलताओं को पारकर देश को गणतंत्र के रूप में समूचे विश्व में पहचान मिलना अपने आप में एक विरल घटना है। बाह्य जकड़न से मुक्ति की अनुभूति और स्वके सतत बोध के लिए यह जरूरी है कि विश्व के एक बड़े लोकतंत्र में मानवीय-राष्ट्रीय मूल्यों को बरकरार रखा जाए।  प्रतिवर्ष २६ जनवरी (गणतंत्र दिवस) के अवसर पर देश की गौरवशाली विरासत व समृद्धि को याद करना भर इस पर्व की सीमा नहीं है, बल्कि सामाजिक, सांस्कृतिक दृष्टि से, सतत् राष्ट्रीय गौरव को पोषित करते हुए, जन-जन में देशभक्ति की भावना को जगाना भी एक उदात्त ध्येय है।

इस पावन पर्व पर, राष्ट्र की प्रगति व उन्नयन से सभी को वाकिफ कराना भी उतना ही आवश्यक है। जैसा कि हमें विदित है, राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न तरह की उत्कृष्ट झाँकियों का प्रदर्शन एक तरफ हमें आत्मतुष्टि प्रदान करता है तो दूसरी तरफ भारत की महान, गौरवशाली विरासत को संजोए रखने की प्रेरणा देता है। साथ ही, वैश्विक स्तर पर देश की अनूठी पहचान को भी इंगित करता है। गणतंत्र दिवस का महत्व इस मायने भी है कि सापेक्षिक दृष्टि से हमें अपने अतीत एवं वर्तमान की गतिविधियों का पता चलता है और हमें स्वर्णिम भविष्य की दिशा तय करने में मदद मिलती है।

हमारा देश विश्व के उन गिने-चुने देशों में से एक है जहाँ लोकतांत्रिक परंपराओं की सुदृढ़ता के दर्शन होते हैं । गणतंत्र की खूबी है कि अनेकता में एकता’, अखंडता, समन्वयता, सहिष्णुता, समभाव जैसे मूल्यों का अस्तित्व राष्ट्र के सतत् महान होने की अनुभूति कराता है, जो मानवीय मूल्यों के उन्नयन के लिहाज़ से भी एक सकारात्मक पहलू है। भारतीय अस्मिता के मूल में सदियों पुराने उदात्त ध्येय निहित हैं, जो समूची मानवता को लोककल्याण की दिशा में निरंतर अग्रसर करते हैं। इस मायने में भारतीयता का कोई मोल नहीं है। वह अतुल्य और अनमोल है।

गणतंत्र-दिवस के अवसर पर, राष्ट्रीयता के आलोक में हमें इन उदात्त ध्येयों तथा मूल्यों का सातत्य बरकरार रखने की प्रेरणा मिलती है। राष्ट्रीय पर्व हमें वह ऊर्जा प्रदान करते हैं, जिसके बलबूते पर हम राष्ट्र सेवा के उच्च संकल्प को बिना किसी बाधा के पूरा करते हैं । इस मायने में गणतंत्र दिवस मात्र एक तारीख नहीं है बल्कि हमारी चेतना व राष्ट्रभाव के उन्नयन एवं पोषण का बेजोड़ अवसर भी है।

(अस्तु)


 

डॉ. मदनमोहन शर्मा

स्नातकोत्तर हिन्दी विभाग

सरदार पटेल विश्वविद्यालय

वल्लभ विद्यानगर (जि. आणंद)

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