सोमवार, 3 जनवरी 2022

शब्द संज्ञान

 


 (1)

डॉ. योगेन्द्रनाथ मिश्र

बंदउँ मुनि पद कंजु, रामायण जेहिं निरमयउ।

सखर सुकोमल मंजु, दोष रहित दूषण सहित।।

रामचरितमानस के बालकांड का यह सोरठा है। दो दिन पहले एक वॉट्सेप समूह में दिखाई पड़ा। पहली पंक्ति का अर्थ समझने में तो कोई कठिनाई नहीं हुई। बहुत सरल अर्थ है।

पहली पंक्ति में तुलसीदास जी रामायण के रचयिता वाल्मीकि मुनि के चरण कमलों की वंदना करते हैं। परंतु दूसरी पंक्ति ने चक्कर में डाल दिया। दूसरी पंक्ति का पहला शब्द है ‘सखर’। सबसे अधिक उसी ने परेशान किया। सोचने लगा, यह सखर कैसा शब्द है। पहले लगा, इसमें जरूर टाइपिंग की भूल है। जाँच करने के लिए रामचरिचमानस की पुस्तक निकाली। उसमें भी सखर लिखा हुआ है।

दूसरी परेशानी पैदा की ‘दोष रहित’ तथा  ‘दूषण सहित’ ने। जो दूषण-सहित है, वह दोष-रहित कैसे हो सकता है? परंतु मैं भी हार मानने वाला न था। ऐसी चुनौतियों का सामना करने में मुझे आनंद आता है। जब मैं बनारस में एम. ए. कर रहा था, तब शाम के समय आठवीं कक्षा के दो छात्रों को पढ़ाता था। गणित का कोई प्रश्न हल नहीं कर पाता, तो उन्हें याद कर लेता। साइकिल से घर तक पहुँचते-पहुँचते रास्ते भर सोचता जाता। कभी-कभी रास्ते में ही हल कर लेता। कभी-कभी घर पहुँचते ही सवाल को हल करने बैठ जाता। हल कर लेने के बाद ही नहाता-धोता, खाना खाता। सवाल हल हो जाने पर बड़ा आनंद आता।

वैसा ही कुछ इस सोरठे के साथ कल हुआ। सोचते-विचारते आखिर इस सोरठे की गुत्थी सुलझा ही ली।

इस सोरठे में गो. तुलसीदास जी ‘उस’ रामायण के रचयिता वाल्मीकि मुनि के चरण कमलों की वंदना कर रहे हैं, ‘जो’ सुकोमल है, सुंदर (मंजु) है तथा निर्दोष (दोष रहित) हैं। परंतु उसमें कठोरता भी है और वह सदोष (दूषण सहित) भी है।

यह कैसे हो सकता है? जो कोमल है, वह कठोर कैसे हो सकता? जो निर्दोष है, सदोष (दूषण सहित) कैसे हो सकता है?

असल में इसमें विरोधाभास अलंकार का प्रयोग गोस्वामी जी ने बहुत कुशलतापूर्वक किया है।

विरोधाभास ‘सखर’ तथा ‘दूषण सहित’ के कारण है।

सखर के दो अर्थ हैं –

1. खर का अर्थ कठोर होता है। सखर यानी कठोरता युक्त।

2. खर रामकथा में वर्णित एक राक्षस। सखर यानी खर नामक राक्षस से युक्त।

दूषण सहित के भी दो अर्थ –

1. एक अर्थ है सदोष (दूषण सहित)

2. दूषण नामक राक्षस से युक्त।

यानी यहाँ रावण के भाई खर तथा दूषण से तात्पर्य है।

वास्तव में यहाँ विरोध है नहीं। ‘सखर’ तथा ‘दूषण सहित’ शब्दों के कारण सिर्फ विरोध का आभास होता है। कवि का कहना सिर्फ इतना है कि इस कथा में खर तथा दूषण हैं।

 (2)

पारिभाषिक शब्दावली (TERMINOLOGY)

v    प्रशासन

निविदा – Tender          मनोनीत – Nominee
याचिका – Petition         अनुज्ञप्ति – Licence
गणपूर्ति – Quorum         कोषपाल –Treasurer
आबंटन Allotment         अधिसूचना –Notification
अनुमोदन – Approval          घोषणापत्र – Manifesto
सत्यापन – Verification मान्यता प्राप्त – Recognized
स्वायत – Autonomous संकाय – Faculty
तदर्थ – Adhoc                 संकल्प – Resolution
लिपिक- Clerk                 विचाराधीन – under consideration

v    बैंक

ऋणी – Debtor          देय – payable
लेन देन – Transaction दिवालिया – Bankrupt
जमा / नामे – credit         अभिकर्ता – Agent
निवेश चक्र – cycle of Investment

v    विधि

अभिरक्षा –  Custody         बंधनपत्र – Bond
बन्धक –  Mortgage         क्षमादान –  Act of grace  
अधिपत्र – Warrant         जमानत – Bail
मानहानि – Defamation आरोप पत्र – charge sheet
अधिकरण – Tribunal         न्यायिक – Judicial
आयुध – Arms                 आचार संहिता – code of conduct





1 टिप्पणी:

  1. बहुत सुन्दर ढंग से सोरठे की गुत्थी सुलझाई आपने डॉ.योगेन्द्रनाथ मिश्र जी ....साधुवाद!

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