सोमवार, 30 सितंबर 2024

व्याकरण विमर्श

वाक्य विचार



डॉ. योगेन्द्रनाथ मिश्र

हिंदी के नकारात्मक तथा निषेधात्मक वाक्य

हिंदी व्याकरणों में अर्थ की दृष्टि से वाक्य के आठ भेद किए गए हैं-

विधानवाचक, आज्ञार्थक, विध्यर्थक, प्रश्नवाचक आदि।

 हिंदी व्याकरणों में नकारात्मक तथा निषेधात्मक वाक्यों को एक माना जाता है। स्कूलों में ऐसा ही पढ़ाया भी जाता है।

किंतु मैं दोनों को एक मानने के पक्ष में नहीं हूँ।

इसको थोड़ा समझते हैं-

विधानवाचक वाक्य के द्वारा किसी तथ्य या घटना की सकारात्मक जानकारी दी जाती है -

बच्चा दूध पीता है।

मैं कल दिल्ली गया था।

आज बारिश होगी।

विधानवाचक वाक्य के विपरीत अर्थ देने वाला वाक्य नकारात्मक वाक्य होता है -

बच्चा दूध नहीं पीता।

मैं कल दिल्ली नहीं गया था।

आज बारिश नहीं होगी।

आज्ञार्थक वाक्य के द्वारा कोई काम करने के लिएकिसी को आज्ञा दी जाती है, जबकि निषेधात्मक वाक्य के द्वारा किसी को कोई काम न करने कीआज्ञा दी जाती है -

तुम यहाँ बैठो। (आज्ञार्थक)

 तुम यहाँ मत बैठो। (निषेधात्मक)

स्पष्ट है कि आज्ञार्थक वाक्य के द्वारा कोई काम करने कीआज्ञा दी जाती है तथा निषेधात्मक वाक्य के द्वारा कोई काम न करने कीआज्ञा दी जाती है।

 आज्ञा का भाव दोनों में होता है।

अर्थात् नकारात्मक वाक्य तथा निषेधात्मक वाक्य एक नहीं हैं।

नकारात्मक वाक्य विधानवाचक वाक्य का विलोम होता है, जबकि निषेधात्मक वाक्य आज्ञार्थक वाक्य का विलोम होता है।

 नकारात्मक वाक्य में विधान को नकारा जाता है तथा निषेधात्मक वाक्य में कोई काम न करने की आज्ञा दी जाती है।

इस तरह दोनों वाक्य एक कैसे हो सकते हैं!

***

किसी वाक्य में एक से अधिक कर्ता हों और वे अलग-अलग लिंग-वचन के हों,  तो क्रिया किसके साथ होगी। यानी किस कर्ता के लिंग-वचन के अनुसार होगी?

इस पर जो मैंने विचार किया है, वह इस प्रकार है -

 वाक्य में एक से अधिक कर्ता हों और वे अलग-अलग लिंग-वचन के हों, तो -

(क) यदि वाक्य के सभी कर्ता प्राणीवाचक हों, और वे अलग-अलग लिंग-वचन के हों, तो उस वाक्य की क्रिया सदा पुलिंग बहुवचन में होती है। उदाहरण -

१. राम और सीता वन को गए।

२. सीता और राम वन को गए।

३. गायें और बछड़े मैदान में घास चर रहे हैं।

४. बछड़े और गायें मैदान में घास चर रहे हैं।

५. लड़के और लड़कियाँ परीक्षा दे रहे हैं।

६. लड़कियाँ और लड़के परीक्षा दे रहे हैं।

(ख) यदि वाक्य के सभी कर्ता अप्राणीवाचक हों, और वे सभी अलग-अलग लिंग वचन के हों, तो अंतिम कर्ता के लिंग-वचन के अनुसार क्रिया के लिंग वचन होते हैं। उदाहरण -

१. समोसे और जलेबियाँ जल गईं।

२. जलेबियाँ और समोसे जल गए।

३. मैदान में पौधे और झाड़ियाँ उग आई हैं।

४. मैदान में झाड़ियाँ और पौधे उग आए हैं।


डॉ. योगेन्द्रनाथ मिश्र

40, साईंपार्क सोसाइटी, वड़ताल रोड

बाकरोल-388315,

आणंद (गुजरात)


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