शनिवार, 31 अगस्त 2024

लोकगीत

 


भोजपुरी लोकगीत

(1)

गाँधी के आइल जमाना देवर जेलखाना अब गइले

जब से तपे सरकार बहादुर, भारत मरे बिनु दाना ।।१।।

देवर जेलखाना.

हाथ कथकड़िया बा गोड़वा में बेड़िया;

देसवा भरि होइल दिवाना  ।।२।।

देवर जेलखाना.

इज्जत राखि लेहु भारत मइया;

चरखा चलाबहु मसताना ।।३।।

देवर जेलखाना.

कमला, सरोजिनी, विजय के लछमी;

काम कइली मरदाना ।।४।।

देवर जेलखाना.

(भोजपुरी लोक-गीत, डॉ. कृष्णदेव उपाध्याय,  पृ- ३३५  से साभार)

( शब्दार्थ:  जमाना- समय, गइले- जाना होगा, गोड़वा-पैर, दीवाना-पागल, मसताना-मस्त या लीन )

(2)

होइ गइले कंगाल हो विदेसी तोरे रजवा में ।। टेक ।।

सोनवा के थाली जहवाँ जेवना जेवत रहली ।

कठवा के डोकिया के होइ गइल मुहाल हो ।।१।।

विदेसी.

भारत के लोग आज दाना बिना तरसै भइया ।

लन्दन के कुत्ता उड़ावे माजा माल हो ।।२।।

विदेसी.

आवे असोक, चन्द्रगुप्त हमरे देसवा में ।

लोरवा बहाने देखि तोहरो हवाल हो ।।३।।

विदेसी.

जुग जुग जीयसु हमार गाँधी, जवाहर ।

जे दूर करले मोर गरीबन के हाल हो ।।४।।

विदेसी.

(भोजपुरी लोक-गीत, डॉ. कृष्णदेव उपाध्याय,  पृ- ३३८  से साभार)

( शब्दार्थ:  कंगाल- अत्यन्त गरीब, रजवा- राज्य, डोकिया- काठ का बना हुआ छोटा कटोरा, मुहाल- दुर्लभ,

दाना- अन्न,  माजा- आनंद ( सुंदर भोजन), लोरवा- आँसू, हवाल-दुर्दशा, जीयसु- जीते रहें, जे- जो   )

 

(3)

“ गाँधी के लड़इया नाहीं जीतबे फिरंगिया,

चाहे करु कतनो उपाई

भल भल मजवा उड़वले एहि देसवा में,

अब जइहें कोठिया बिकाई । ”

(भोजपुरी लोकसाहित्य: सांस्कृतिक अध्ययन, दृष्टव्य : श्रीधर मिश्र,  पृ- २१० से साभार)

 (भावार्थ: ‘ हे फिरंगी ! कितने भी उपाय करो, तुम गाँधी की लड़ाई नहीं जीत सकते । तुमने इस देश में खूब मज़े उड़ाये । अब तुम्हारी कोठियाँ बिक जायेंगी ।)

 

(4)

झंडा तीन रंग के भारत में फहरात बा

देखे में सुहात बा ना

बम्बई, दिल्ली ओ कलकत्ता,

सगरे फहरत बा पताका,

घर घर गीत खुसी के

भारत में सुनात बा, देखे सुहात बा ना ।

(भोजपुरी लोकसाहित्य: सांस्कृतिक अध्ययन, श्रीधर मिश्र, पृ- २१२ से साभार )

संदर्भ ग्रंथ:

१.        डॉ.कृष्णदेव उपाध्याय, भोजपुरी लोक-गीत, प्रकाशक : हिन्दी साहित्य सम्मलेन, प्रयाग, तृतीय संस्करण : १९९९

२.        श्रीधर मिश्र, भोजपुरी लोकसाहित्य: सांस्कृतिक अध्ययन प्रकाशक :हिन्दुस्तानी एकेडेमी,इलाहाबाद , प्रथम : संस्करण १९७१ 

 

 


 

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