1
भारत एक स्वप्न भू को
ऊपर ले जाने वाला;
भारत एक विचार
स्वर्ग को भू पर लाने वाला।
- रामधारी सिंह ‘दिनकर’
2
भारत नहीं स्थान का वाचक,
गुण-विशेष नर का है।
एक देश का नहीं, शील
यह भूमंडल भर का है।
- रामधारी सिंह ‘दिनकर’
3
स्वतंत्रता परमात्मा का ही गुण है।
-
लोकमान्य तिलक
4
स्वतंत्रता का अनुभव करना ही जीवन है। पराधीन व्यक्ति सजीव होते हुए भी
मृतकतुल्य है।
-
यशपाल
5
लोग चाहे मुट्ठी भर हों, लेकिन संकल्पवान हों, अपने लक्ष्य में दृढ़ आस्था हो,
वे इतिहास को भी
बदल सकते हैं।
-
महात्मा गाँधी
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