त्रिनेत्रधारी
डॉ.
लता अग्रवाल ‘तुलजा’
1
शक्ति
अपार
माथ
चंद्र मुकुट
भुजंग
हार
2
त्रिनेत्रधारी
जग
पालनहार
करो
उद्धार
3
भक्त
वत्सल
शैलसुता
पूजती
अद्भुत
रूप
4
वो
जटाजूट
शीश
गंगा बहाए
वो
कालकूट
5
ढोल
बजाते
शिव
बारात चली
संगी भिन्नाते
होली
1
वसन्त
आया
पीली
पगड़ी बाँधे
फागुन
गाया
2
उत्सव होली
बहकते
कदम
हवा
अबीरी
3
गूँजे
फगुवा
भंग
की तरंग में
नाचे
मनवा
4
फूलों
की होली
बरसाने
की गोरी
ग्वालों
की टोली
5
करे
ठिठोली
मदमस्तों
की टोली
बसंती होली
डॉ.
लता अग्रवाल ‘तुलजा’
भोपाल
सुंदर हाइकु।बधाई डॉ. लता अग्रवाल जी।
जवाब देंहटाएंबहुत खूब दी, हार्दिक बधाई आपको!
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